UGC NET (यूजीसी नेट) (यानि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) 2023 की परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है, जो आवेदक इस परीक्षा में भाग लेना चाहते हैं और इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं उन्हें सबसे पहले यह जानना होगा कि यह परीक्षा किस प्रकार से आयोजित होती है तथा इस परीक्षा में पाठ्यक्रम क्या रखा गया है, ताकि वह इसी के अनुकूल अपनी तैयारी कर सकें और परीक्षा में सफलता भी हासिल कर सकें। इसी विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी यहां पर दी जा रही है, यह जानकारी हिंदी विषय के साथ यूजीसी नेट जेआरएफ करने वालों के लिए महत्वपूर्ण है।
यूजीसी नेट जेआरएफ (UGC NET JRF) की परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा कराई जाती है, इसके पाठ्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया है। पहला भाग जिसमें कि 50 प्रश्न पूछे जाते हैं जो कि जनरल पेपर टीचिंग और रिसर्च एप्टिट्यूट के नाम से जाना जाता है इसे भाग-1 कह सकते हैं, दूसरा भाग सबसे महत्वपूर्ण होता है जो कि विषय पर आधारित होता है और इसमें संबंधित विषय से 100 प्रश्न पूछे जाते हैं।
यूजीसी नेट जे.आर.एफ. हिंदी सिलेबस 2023
हिंदी विषय के साथ यूजीसी नेट जेआरएफ करने वाले अभ्यर्थियों को बताना चाहूंगा कि हिंदी विषय को यूजीसी द्वारा 10 इकाइयों में विभाजित किया गया है जिसका विस्तृत विवरण नीचे दिया जा रहा है, आप इकाईवार अध्ययन किस प्रकार से करेंगे अपनी रणनीति तय कर सकते हैं।
हिंदी भाषा और उसका विकास इकाई 1
हिंदी भाषा और उसके विकास को ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के नजरिए से देखते हुए यहां पर प्रश्न पूछे जाते हैं जिसके अंतर्गत –
प्राचीन भारतीय आर्य भाषा में उनसे संबंधित प्रश्न
मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएं जिसके अंतर्गत-
पाली, प्राकृत, शौरसेनी, अर्धमगधी, मागधी, अपभ्रंश एवं उनकी खासियत (विशेषताएं),
अपभ्रंश, अवहट्ट तथा पुरानी हिंदी का संबंध
आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ और उनका विभाजन
हिंदी का क्षेत्र विस्तार भौगोलिक दृष्टि से हिंदी की भाषाएं- जिसके अंतर्गत पश्चिमी हिंदी, पूर्वी हिंदी, राजस्थानी, बिहारी तथा पहाड़ी वर्ग उसके साथ ही उनकी बोलियां – खड़ी बोली, ब्रज और अवधि की खासियत या विशेषताएं,
हिंदी के अनेक रूप – हिंदी, उर्दू, दखिनी, हिंदुस्तानी,
हिंदी का भाषिक स्वरूप यानी बोलने का ढंग– हिंदी की स्वनिम व्यवस्था – खंड्य तथा खंड्येत्तर, हिंदी ध्वनियों के विभाजन का आधार, हिंदी की शब्द रचना- जिसके अंतर्गत प्रत्यय, उपसर्ग, समास,
हिंदी की रूप रचना- जिसके अंतर्गत वचन, लिंग और कारक व्यवस्था के संदर्भ में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप, हिंदी वाक्य रचना,
हिंदी भाषा प्रयोग के अनेक रूप- जिसके अंतर्गत बोली, राजभाषा, संपर्क भाषा, मानक भाषा और राष्ट्रभाषा के बारे में जानकारी।
संचार मीडियम तथा हिंदी, कंप्यूटर तथा हिंदी, हिंदी की संवैधानिक स्थिति की व्यवस्था एवं वर्तमान स्थिति,
देवनागरी लिपि- जिसके अंतर्गत देवनागरी लिपि की विशेषताएं तथा इसका मानकीकरण।
हिंदी साहित्य का विकास इकाई 2
हिंदी साहित्य का विकास के अंतर्गत हिंदी साहित्य दर्शन, हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की पद्धतियां, हिंदी साहित्य का काल विभाजन तथा नामकरण, आदिकाल की खासियत या विशेषताएं तथा साहित्यिक प्रवृतियां, रासो साहित्य, आदिकालीन हिंदी का जैन साहित्य, नाथ साहित्य एवं सिद्ध साहित्य, अमीर खुसरो की हिंदी कविता, विद्यापति तथा उनकी पदावली और लौकिक साहित्य।
भक्तिकाल के अंतर्गत भक्ति आंदोलन के उदय के सामाजिक सांस्कृतिक कारण, भक्ति आंदोलन का अखिल भारतीय रूपरेखा तथा उसका अंत:प्रादेशिक वैशिष्ट्य, भक्ति काव्य की सामाजिक – सांस्कृतिक पृष्ठभूमि जिसके अंतर्गत अलवार संत, भक्ति काव्य के मुख्य संप्रदाय और उनका वैचारिक आधार, निर्गुण और सगुण कवि तथा उनका काव्य।
रीतिकाल में सामाजिक – सांस्कृतिक पृष्ठभूमि, रीतिकाल की मुख्य प्रवृत्तियां जिसके अंतर्गत रीतिबद्ध, रीतिमुक्त, रीतिसिद्ध का परिचय, रीतिकालीन कवियों का आचार्यत्व, रीतिकाल के मुख्य कवि एवं उनका काव्य।
आधुनिक काल के अंतर्गत हिंदी गद्य का उद्भव तथा विकास, भारतेंदू हरिश्चंद्र से पूर्व हिंदी गद्य, 1857 की क्रांति तथा सांस्कृतिक पुनर्जागरण का परिचय, भारतेंदु हरिश्चंद्र तथा उनका युग, पत्रकारिता का प्रारंभ एवं 19वीं शताब्दी की हिंदी पत्रकारिता, आधुनिकता की अवधारणा का परिचय।
द्विवेदी युग के अंतर्गत आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी एवं उनका समय या युग, हिंदी नवजागरण तथा सरस्वती पत्रिका, राष्ट्रीय काव्यधारा के मुख्य कवि, स्वच्छंदतावाद तथा उसके मुख्य कवि।
छायावाद के अंतर्गत छायावादी काव्य की मुख्य विशेषताएं, छायावाद के मुख्य कवि, प्रगतिवाद की अवधारणा, प्रगतिवादी काव्य एवं उसके मुख्य कवि, प्रयोगवाद तथा नई कविता, नई कविता के कवि समकालीन कविता वर्ष 2000 इसवी तक, समकालीन साहित्यिक पत्रकारिता।
हिंदी साहित्य की गद्य विधाएं
हिंदी उपन्यास- भारतीय उपन्यास की अवधारणा, जिसके अंतर्गत प्रेमचंद पूर्व उपन्यास, प्रेमचंद तथा उनका समय या युग, प्रेमचंद के परवर्ती (बाद में) उपन्यासकार वर्ष 2000 इसवी तक।
हिंदी कहानी- इसके अंतर्गत हिंदी कहानी का उद्भव तथा विकास बीसवीं सदी की हिंदी कहानी तथा मुख्य कहानी आंदोलन तथा मुख्य कहानीकार।
हिंदी नाटक- इसके अंतर्गत हिंदी नाटक तथा रंगमंच विकास के पद/ चरण, भारतेंदु युग, प्रसाद युग, प्रसाद उत्तर युग, स्वातंत्र्योत्तर युग, साठोत्तरी युग एवं नया नाटक, मुख्य नात्यकृतियाँ, मुख्य नाटककार वर्ष 2000 इसवी तक।
हिंदी एकांकी- इसके अंतर्गत हिंदी रंगमंच तथा विकास के पद/ चरण, हिंदी का लोक रंगमंच, नुक्कड़ नाटक।
हिंदी निबंध- हिंदी निबंध के अंतर्गत निबंध का उद्भव तथा विकास, हिंदी निबंध के प्रकार तथा प्रमुख निबंधकार।
हिंदी आलोचना- इसके अंतर्गत उद्भव तथा विकास, समकालीन हिंदी आलोचना तथा उसके विभिन्न प्रकार, मुख्य आलोचक।
हिंदी की अन्य गद्य विधाएं- इसके अंतर्गत रेखाचित्र, यात्रा साहित्य, संस्मरण, जीवनी, रिपोर्ताज, आत्मकथा और डायरी आती हैं।
हिंदी का प्रवासी साहित्य- इसके अंतर्गत अवधारणा तथा मुख्य साहित्यकार।
साहित्य शास्त्र इकाई 3
काव्य के लक्षण काव्य हेतु तथा काव्य प्रयोजन
प्रमुख संप्रदाय और सिद्धांत रस अलंकार रीति ध्वनि वक्रोक्ति और औचित्य रस निष्पत्ति साधारणीकरण शब्द शक्ति काव्य गुण काव्य दोष प्लेटो के काव्य सिद्धांत अरस्तु का अनुकरण सिद्धांत त्रासद विवेचन विरेचन सिद्धांत वर्ड्सवर्थ का काव्य भाषा सिद्धांत कॉलरिज कल्पना तथा फैंटेसी टी एस इलियट निर्वैयक्तिकता का सिद्धांत परंपरा की अवधारणा आई ए रिचर्ड्स मूल्य सिद्धांत संप्रेषण सिद्धांत एवं काव्य भाषा सिद्धांत रूसी रूप वाद नई समीक्षा मिथक फंतासी कल्पना प्रतीक बिंब।
वैचारिक पृष्ठभूमि इकाई 4
इकाई 5
हिंदी उपन्यास इकाई 6
हिंदी कहानी इकाई 7
इकाई 8
हिंदी निबंध इकाई 9
आत्मकथा जीवनी और अन्य गद्य विधाएं इकाई 10
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